क्या होता है सिट्रोनेला एसेंशियल तेल? जानें, इसके लाभ और उपयोग
2022-03-17 11:21:40
सिट्रोनेला एसेंशियल तेल शारीरिक तंत्र में फैले स्वास्थ्य लाभों का पोषिता (host) है। जो कई तरह के बैक्टीरिया से लड़ने और उन्हें खत्म करने का काम करता है। सिट्रोनेला एसेंशियल तेल पाचन और गुर्दे से संबंधित कार्यों को भी अनुकूलित करता है। यह शरीर के बुखार को कम करने और एक मूत्रवर्धक के रूप में काम करता है। यह रक्त के परिसंचरण को बढ़ाता है, उत्सर्जन प्रणाली में सुधार करता है और तंत्रिका तंत्र को अनुकूलित करता है। यह तेल फंगल विकास को रोकने का काम करता है। यह तेल एक टोनर के रूप में कार्य करता है। जो अवसाद से लड़ने में भी सहायता करता है।
सिट्रोनेला तेल क्या है?
सिट्रोनेला एक प्रकार की घास है। जिसमें एक सुंदर कुरकुरा और एक विशेष प्रकार की सुगंध होती है। इसलिए इसको सिट्रोनेला कहा जाता है। सिट्रोनेला को आमतौर पर लेमनग्रास के रूप में जाना जाता है। सिट्रोनेला आवश्यक तेल दो प्रकार के सिट्रोनेला से प्राप्त होता है। जिसमें पहला नाम सीलोन सिट्रोनेला और दूसरा नाम जावा सिट्रोनेला है। वैसे तो यह दोनों ही काफी शक्तिशाली होते हैं। लेकिन जावा सिट्रोनेला को सीलोन सिट्रोनेला की तुलना में ज्यादा बेहतर माना जात है।
सिट्रोनेला एसेंशियल तेल के फायदे;
बुखार के लिए-
सिट्रोनेला एसेंशियल ऑयल अपने प्रभावों के संयोजन के कारण बुखार को कम करने में सहायता करता है। इस तेल में मौजूद डायफोरेटिक गुण शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर शरीर के तापमान को कम करने का काम करता है। इसके अलावा इस तेल के एंटी-माइक्रोबियल गुण बैक्टीरिया और अन्य रोगाणुओं को खत्म करने में भी मदद करते हैं।
ऐंठन के लिए-
सिट्रोनेला एसेंशियल ऑयल को ऐंठन से राहत प्रदान करने के लिए भी जाना जाता है। विशेष रूप से मांसपेशियों की प्रणाली, श्वसन तंत्र और तंत्रिका तंत्र में होने वाली ऐंठन के लिए। इसके अतिरिक्त यह महिलाओं में मासिक धर्म की ऐंठन के लिए भी अच्छा होता है। साथ ही खांसी संबंधी गले की ऐंठन में भी फायेदा करता है।
पेट की बीमारियों के लिए-
इस तेल के प्रतिरोधक गुण पेट के विभिन्न संक्रमणों को कम करने, आंतों की सूजन को कम करने और पाचन तंत्र के सुचारू संचालन में योगदान देने का काम करते हैं।
फंगल संक्रमण को रोकने के लिए-
सिट्रोनेला एसेंशियल ऑयल कान, नाक और गले आदि को नुकसान पहुंचाने वाले कवक (फंगल संक्रमण) के विकास को रोकने में सहायता करता है। इसके अलावा यह कवक पेचिश को ठीक करने में भी मददगार साबित होता है।
अवसाद के लिए-
सिट्रोनेला एसेंशियल ऑयल को अरोमाथेरेपी के लिए उपयोग किया जाता है। क्योंकि यह लोगों को उनके अवसाद से लड़ने में सहायता करता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि यह व्यक्ति को हल्कापन और खुशहाल एहसास महसूस कराने एवं चिंता और नकारात्मक विचारों को दूर करने का काम करता है। इसलिए सिट्रोनेला एसेंशियल ऑयल अवसाद से पीड़ित लोगों के लिए बेहद फायदेमंद होता है।
उत्तेजक प्रभाव के रूप में-
सिट्रोनेला आवश्यक तेल विभिन्न शारीरिक कार्यों पर एक उत्तेजक प्रभाव डालता है। यह रक्त के परिसंचरण में सुधार करता है और हार्मोन और एंजाइम जैसे शरीर में स्राव और निर्वहन के उत्पादन को भी उत्तेजित करता है। यह तंत्रिका तंत्र में गतिविधि को भी बढ़ाता है। इसके अलावा, यह शरीर के चयापचय के साथ मदद कर सकता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को भी उत्तेजित करता है।
कीड़ों को मारने के लिए-
अवांछित कीड़े परेशानियों की एक पूरी दुनिया का कारण बन सकते हैं। यह बैक्टीरिया और वायरस होने के कारण शरीर को बीमार कर सकते हैं। यह भोजन में मिलकर उसे दूषित कर सकते हैं। व्यक्ति को काटकर शरीर पर चकत्ते, खुजली से लेकर बुखार और मतिभ्रम तक का कारण बन सकते हैं। इसके अलावा मच्छर जैसे कीड़े डेंगू, मलेरिया और पीले बुखार को जन्म दे सकते हैं। ऐसे में सिट्रोनेला एसेंशियल ऑयल एक महान कीट विकर्षक के रूप में कार्य करता है। जो कीड़ों को मारने और घर से दूर रखता है। यह जूं और पिस्सू जैसे कीटों के लिए भी कारगर सिद्ध होता है।
एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के रूप में-
आमतौर पर सूजन कई कारणों जैसे ड्रग्स, नशीले पदार्थों, मसालेदार भोजन और शरीर में होने वाले किसी भी विषाक्त तत्वों के कारण हो सकती हैं। ऐसे में सिट्रोनेला एसेंशियल ऑयल जिगर, पेट, श्वसन प्रणाली और आंतों की सूजन को कम करने में मददगार साबित होता है। क्योंकि इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। जो इन समस्याओं में फायेदा करते हैं।
बैक्टीरिया के विकास को रोकने में मददगार-
सिट्रोनेला एसेंशियल ऑयल मिथाइल आइसोयुगेनॉल में प्रचुर होता है। जो बैक्टीरिया को खत्म करने और शरीर में बैक्टीरिया के विकास को रोकने में सहायता करता है। परिणामस्वरूप यह बैक्टीरिया के कारण किसी घाव में होने वाले संक्रमण के उपचार के अलावा बृहदान्त्र, प्रोस्ट्रेट, मूत्र पथ, पेट, गुर्दे, मूत्राशय और मूत्रमार्ग में होने वाले संक्रमण में फायेदा करता है। दरअसल सिट्रोनेला एसेंशियल ऑयल में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। जो गुर्दे, घाव, मूत्र पथ, मूत्रमार्ग और प्रोस्ट्रेट में कई संक्रमणों से लड़ने में मददगार साबित होते हैं।
विषाक्त पदार्थों को हटाने में सहायक-
सिट्रोनेला एसेंशियल ऑयल एक डायफोरेटिक (स्वेदजनक) है। अर्थात यह पसीने को प्रेरित करने में मदद करता है। इस रूप में यह शरीर के अतिरिक्त तेल, वसा, पानी और विदेशी विषाक्त पदार्थों को पसीने के माध्यम से बाहर निकालने का काम करता है। इसके अलावा यह शरीर के कार्यों को एक इष्टतम स्तर (Optimal control) पर रखने और शरीर को बीमार होने से बचाने में सहायता प्रदान करता है।
मूत्रवर्धक (diuretic)-
सिट्रोनेला एसेंशियल ऑयल एक मूत्रवर्धक है। जो यूरिन (पेशाब) को उत्तेजित करने का काम करता है। परिणामस्वरूप शरीर में मौजूद अतिरिक्त तेल, वसा, पानी, यूरिक एसिड और बाहरी विष मूत्र के माध्यम से बाहर निकल जाते हैं। चूंकि यह तेल गुर्दे के अतिरिक्त कैल्शियम को बाहर निकालने में मददगार साबित होता है। इस रूप में यह गुर्दे की पथरी का कारण बनने वाले अतिरिक्त कैल्शियम को भी बनने से रोकता है।
सिट्रोनेला तेल के उपयोग-
- कई जगहों पर इसका उपयोग इत्र और सुगंध के लिए भी किया जाता है।
- सिट्रोनेला एसेंशियल ऑयल को त्वचा पर बग रिपेलेंट के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
- कुछ स्थानों पर इसका इस्तेमाल खाद्य और पेय उद्योग में किया जाता है।
- कई प्रकार के व्यंजन और पेय स्वाद के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है।
- इस ऑयल को अन्य तेल जैसे- नीलगिरी, ऋषि, देवदार की लकड़ी आदि के साथ मिलाकर भी इस्तेमाल में लाया जाता है।
सिट्रोनेला तेल के साइड इफेक्ट एवं एलर्जी-
सिट्रोनेला आवश्यक तेल के अधिक उपयोग से जिल्द (interlace) की सूजन, त्वचा में जलन या संवेदीकरण आदि की समस्या हो सकती है। इसके अलावा इस तेल का उपयोग छोटे बच्चों गर्भवती महिलाओं को भी नहीं करना चाहिए। क्योंकि यह उनके लिए नुकसानदायक हो सकता है।