चक्कर आना क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और निदान
2023-03-06 19:18:09
चक्कर आने को आम बोलचाल की भाषा में सिर घूमना कहा जाता है। इससे पीड़ित व्यक्ति को सिर में तेज दर्द होना या सिर चकराने की समस्या होती है। आमतौर पर चक्कर आना एक ऐसी स्थिति होती है, जिसमें लोगों को अलग-अलग तरह की उत्तेजना जैसे शिथिलता, बेहोशी, संतुलन खोना, असमानता, अस्थिरता और चीजों को ठीक से नहीं देख पाना आदि कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। ज्यादातर मामलों में इसे एक आम समस्या माना गया है, जो कभी-कभी एक जगह बैठने या खड़े होने पर होती है। इसका मुख्य कारण भूख, कमजोरी, गलत खान-पान और कुछ शारीरिक समस्याएं या गतिविधियां होती हैं। लेकिन यदि यह समस्या बार-बार हो, तो इसे नजर अंदाज कर देना शरीर के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। क्योंकि ऐसा होना किसी गंभीर बीमारी की ओर संकेत करता है। इसलिए बिना देर किए अपने चिकित्सक से तुरंत सलाह लें।
चक्कर आने के प्रकार-
सामान्यतः यह दो प्रकार के होते हैं, जो निम्न हैं:
लाइटहेडडनेस-
लाइटहेडडनेस चक्कर आने का सबसे आम प्रकार होता है। इस स्थिति में सिर में हल्के दर्द के साथ चक्कर आता है। इस दौरान व्यक्ति को बेहोशी आना प्रतीत होता हैं।
वर्टिगो-
डिजिनेस के इस प्रकार में व्यक्ति को आसपास की सभी चीजें घूमती हुई नजर आती है, जबकि वास्तव में ऐसा होता नहीं है। इस दौरान व्यक्ति कुछ समय के लिए स्वयं को गोल-गोल घूमता हुआ महसूस करता है। फिर अचानक वह ठीक हो जाता है।
चक्कर आने के लक्षण-
- सिरदर्द होना।
- चीजों का घूमना।
- भ्रम की स्थिति पैदा होना।
- बेहोशी महसूस करना।
- उलझन या बेचैनी महसूस करना।
- चलने-फिरने, बोलने में कठिनाई महसूस करना।
- संतुलन खोना।
- उल्टी या मतली आना।
- हृदय की धड़कन का अनियमित होना।
चक्कर आने के कारण-
चक्कर आने के सामान्य कारण निम्नलिखित है:
निम्न रक्तचाप-
चक्कर आने का सबसे आम कारण रक्तचाप को माना जाता है। क्योंकि निम्न रक्तचाप होने पर शरीर में मौजूद रक्त मस्तिष्क को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं भेज पाता है। परिणामस्वरूप व्यक्ति को चक्कर आने लगते हैं। यह समस्या अधिकतर बुजुर्गों में देखी जाती है।
निर्जलीकरण या गर्मी से थकान होना-
कभी-कभी शारीरिक गतिविधियां करने या पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीने के कारण निर्जलीकरण होता है। इसके अतिरिक्त किसी प्रकार की पेट संबंधी समस्याएं जैसे उल्टी एवं दस्त होने पर भी शरीर में पानी की कमी हो जाती है। जिससे व्यक्ति को चक्कर आने लगता है।
रक्त शर्करा का कम स्तर-
आमतौर पर यह स्थिति मधुमेह के रोगियों में देखी जाती है।
कान का संक्रमण-
कान में किसी भी प्रकार का संक्रमण चक्कर आने का कारण बनती है। यह प्रायः व्यक्ति के सुनने और संतुलन को बनाए रखने की क्षमता को प्रभावित करता है। ऐसा होने पर लगातार चक्कर आ सकते हैं।
चक्कर आने के अन्य जोखिम कारक-
- अधिक चिंता या तनाव लेने पर।
- माइग्रेन की समस्या होने पर।
- सिर या कान पर किसी प्रकार का चोट लगने पर।
- शरीर में आयरन, विटामिन बी एवं डी की कमी होने पर।
- एनीमिया से पीड़ित लोगों को।
- हड्डियों केकमजोर होने पर।
- अधिक वसा युक्त और जंक फ़ूड का सेवन करने पर।
चक्कर आने पर करे अपने जीवन शैली में बदलाव-
- किसी भी तरह के काम को धीरे-धीरे ही पूरा करें।
- अपने सिर को तेजी से न घुमाएं।
- तंबाकू, शराब और कैफीन का प्रयोग न करें।
- चिंता या तनाव लेने से बचें।
- एलर्जी करने वाले पदार्थों से दूरी बनाएं।
- खूब पानी पीएं।
- उचित मात्रा में नमक का सेवन करें।
- किसी चीज का सहारा लेकर ही खड़े हो।
- तेज रोशनी,टीवी और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से दूरी बनाएं।
- इसके लक्षण महसूस होने पर कुछ समय आराम करें।
- शरीर की किसी भी मुद्रा में अचानक परिवर्तन करने से बचें।
- यात्रा के दौरान किताबें पढ़ने से बचें।
- पिछली सीट पर बैठकर यात्रा करने से बचें।
- अपने यात्रा के दौरान मसालेदार एवं वसा युक्त आहार का सेवन न करें।
- वर्टिगो की समस्या होने पर अधिक देर तक पढाई न करें।
- कान का संक्रमण और अन्य श्वास संबंधी संक्रमणों का समय रहते इलाज करें।
- ड्राइविंग, भारी मशीनरी का संचालन एवं किसी ऊंची जगह की चढ़ाई करने से बचें।
चक्कर आने के घरेलू उपाय-
विटामिन सी युक्त फल-
विटामिन सी युक्त फलों का सेवन चक्कर आने की समस्या को ठीक करने में कारगर होता है। यह रोग- प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है। इसलिए अपने दैनिक जीवन में विटामिन सी युक्त संतरे, नीबू, स्ट्रॉबेरी और अन्य खट्टे फलों को शामिल करना चाहिए।
नींबू पानी पीना-
चक्कर आने में नींबू पानी पीना भी बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। क्योंकि इसमें मौजूद विटामिन सी शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इसके अलावा नींबू पानी प्राकृतिक रूप से शरीर को ऊर्जा और पेट को ठंडक प्रदान करता है। जिससे व्यक्ति अच्छा फील करता है।
अदरक चाय-
अदरक का सेवन चक्कर या मतली के लिए अच्छी उपाय है। यह मस्तिष्क एवं शरीर के अन्य हिस्सों तक रक्त का परिसंचरण सुचारु रूप से करता है। जिससे चक्कर की समस्या दूर होती है। इसलिए शहद युक्त अदरक की चाय का सेवन करना फायदेमंद होता है।
आंवला का करे सेवन-
अपने शरीर को चक्कर से बचाने के लिए रोजाना आंवला खाएं। दरअसल आंवला विटामिन ए और सी से समृद्ध है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है। साथ ही रक्त परिसंचरण में सुधार करता है। इसके अलावा आंवले के रस का सेवन भी फायदेमंद होता है।
शहद है फायदेमंद-
चक्कर आने की समस्या के लिए शहद का सेवन एक पुराना उपाय है। क्योंकि इसमें प्राकृतिक रूप से चीनी (सुक्रोज) होने से यह शरीर को स्फूर्ति प्रदान करता है। इसके अलावा शहद ऊर्जा के स्तर को बढ़ाता भी है। इस प्रकार शहद का सेवन चक्कर आने की समस्या में लाभकारी होता है।
स्वस्थ्य आहार का सेवन करें-
चक्कर आने की समस्या के रोकथाम के लिए प्रतिदिन अपने आहार में हरी सब्जियां एवं फलों को शामिल करें। ऐसा करने से शरीर में कई तरह के मिनरल्स और विटामिन की पूर्ति होती है। जिससे रक्तचाप, मधुमेह, कमजोरी एवं अन्य चक्कर आने के लक्षण नियंत्रित होते हैं।
कब जाएं डॉक्टर के पास?
- बेहोश होने पर।
- सीने में असहनीय दर्द होने पर।
- तेज सिरदर्द होने पर।
- किसी चीज को देखने में परेशानी होने पर।
- सुनने, बोलने और चलने में अधिक कठिनाई होने पर।