जानें, क्या होता है हड़जोड़ और इसके उपयोग के बारे में
2022-05-24 15:05:00
हड़जोड़ को अस्थिसंहार, अस्थिसंधानक और अस्थि श्रृंखला नामों से भी जाना जाता है। इन सभी नामों का अर्थ हड्डी से संबंधित होता है। वहीं, आयुर्वेदिक उपचार में हड़जोड़ को मुख्य रूप से टूटी हुई हड्डी को जोड़ने के लिए उपयोग में लाया जाता है। इसके इस्तेमाल से हड्डियों और जोड़ों को ताकत मिलती है। दरअसल हड़जोड़ में एंटीऑक्सीडेंट, दर्द निवारक और हड्डी को जोड़ने वाले कई गुण मौजूद होते हैं। जिससे टूटी हड्डी की हीलिंग तीव्र होती है। इसलिए हड़जोड़ कई जगह पर हड्डीजोड़ भी कहा जाता है।
इसके अलावा हड़जोड़ पेट संबंधी समस्या, पीरियड्स रेगुलेट, पाइल्स, नेत्र से संबंधित रोग, मिर्गी, ल्यूकोरिया, मोच, गाउट, अस्थमा, एलर्जी, अल्सर आदि रोगों के उपचार में भी काम आता है। कुछ रिसर्च के अनुसार यह हड्डियों को मजबूत बनाने के अलावा जोड़ों के दर्द, हृदय रोग, डायबिटीज और स्ट्रोक जैसी बीमारियों से भी बचाने का काम करता है।
क्या है हड़जोड़?
क्योंकि हड़जोड़ टूटी हुई हड्डियों को फिर से जोड़ने में सहायता करता है। इसलिए हड़जोड़ को कुछ स्थानों पर अस्थि (हड्डी) जोड़ चूर्ण भी कहा जाता है। इसका पेड़ देखने में बेल की तरह होता है। जो मीठा, कड़वा, तीखा, गर्म, छोटे-बड़े, रूखी, कफ को खत्म करने वाला, पाचक और शक्ति रहित होता है। इसलिए इसे एशिया और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में भी उगाया जाता है। इसके अलावा यह थाईलैंड में सबसे अधिक उपयोग में लाए जाने वाले औषधीय पौधों में से एक है। क्योंकि इस पौधे के लगभग सभी हिस्सों का उपयोग आयुर्वेदिक चिकित्सा में किया जाता है।
हड़जोड़ का वानस्पातिक नाम सीस्सस क्वॉड्रंगुलारिस (Cissus quadrangularis Linn.) है। जो विटासिए (Vitaceae) परिवार से संबंध रखता है। इसे एडिबल स्टेमड वाइन (Edible stemmed vine), विंग्ड ट्री वाइन (Winged tree vine), वेल्ड ग्रेप (Veld grape), हड़संघारी, चतुर्धारा, हड़जोड़ या हड़जोड़ी, आदि के नामों से जाना जाता है।
हड़जोड़ के फायदे:
- हड़जोड़ के 5-10 मिली लीटर रस को गुनगुना करके पीना, अस्थमा और सांस से संबंधित बीमारियों के लिए अच्छा होता है।
- हड़जोड़ के छिलका रहित तना और उड़द की दाल को पीसकर, तिल के तेल में छानकर उपयोग करने से गठिया रोग में राहत मिलती है।
- 15 दिनों तक हड़जोड़ का नियमित सेवन करने से टूटी हड्डियों के जुड़ने में जल्दी लाभ मिलता है।
- उम्र बढ़ने पर जोड़ों से संबंधित परेशानी शुरू होना आम बात है। ऐसे में हड़जोड़ का सेवन करने से गठिया और जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।
- चूंकि हड़जोड़ एक डाईजेस्टिव औषधि है। जिसमें कुछ कार्मिनेटिव गुण पाए जाते हैं। जिस वजह से यह पाचन शक्ति को बढ़ाने में मददगार साबित होता है।
- हड़जोड़ के औषधीय गुणों के कारण इसके पत्तों को गर्म करके रीढ़ की हड्डी की सिकाई करना, रीढ़ की हड्डी के दर्द के लिए फायदेमंद साबित होता है।
- हड़जोड़ में दर्दनिवारक गुण होते हैं। इसलिए इसका सेवन बदन दर्द को ठीक करने में कारगर साबित होता है। इसके लिए सोंठ, काली मिर्च और हड़जोड़ का पेस्ट (1-2 ग्राम) का सेवन करना चाहिए।
- मोच आने पर हड़जोड़ स्वरस में तिल का तेल मिलाकर, उसे अच्छे से पका लें। अब इस तेल को छानकर प्रभावित हिस्से पर लगाने से मोच में फायेदा मिलता है।
- जले हुए घाव और कीट के काटने पर हड़जोड जड़ के रस का लेप करना लाभप्रद साबित होता है।
- कटने और छिलने पर होने वाली ब्लीडिंग को कम करने में भी हड़जोड़ लाभकारी सिद्ध होता है।
- हड़जोड़ के 2-4 मिली तने और जड़ के रस को पीने से दांत, नासिका और बवासीर के रक्तस्राव में आराम मिलता है।
- ज्यादा मसालेदार भोजन और असमय खाना खाने से पेट की समस्या होती है। ऐसे में हड़जोड़ का घरेलू इलाज काफी मददगार साबित होता है। इसके लिए 5-10 मिली हड़जोड़ पत्ते के रस में शहद मिलाकर पीना पाचन क्रिया को ठीक और पेट संबंधित अन्य समस्याओं में आराम करता है।
- हड़जोड़ के तने और पत्तों को पीसकर लेप करने से डिलीवरी के बाद होने वाले दर्द में राहत मिलती है।
- महिलाओं में होने वाला सफेद पानी का स्राव कमजोरी का बड़ा कारण होता है। ऐसे में हड़जोड़ के 5-10 मिली के रस का नियमित सेवन करना, महिलाओं की सफेद पानी की समस्या को कम करने में मदद करता है।
हड़जोड़ के उपयोगकारी भाग-
- हड़जोड़ की जड़
- हड़जोड़ की छाल
- हड़जोड़ का पत्र या पत्ता
- हड़जोड़ का तना
कहां पाया या उगाया जाता है हड़जोड़?
भारत के उष्ण प्रदेशों और पश्चिमी हिमालय में उत्तराखण्ड से लेकर पश्चिमी घाट के वनों तक हड़जोड़ पाया जाता है। भारत के अलावा एशिया, अफ्रीका और थाईलैंड जैसे देशों में भी हड़जोड़ को देखा जा सकता है।