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हाथ में दर्द क्या है? जानिए इसके कारण एवं उपचार

हाथ में दर्द क्या है? जानिए इसके कारण एवं उपचार

2023-09-12 00:00:00

हाथ मांसपेशियों, हड्डियों, रक्त वाहिकाओं, नसों और त्वचा से मिलकर बना होता है। मांसपेशियां हाथ को गति प्रदान करती हैं जबकि नसें हाथ की संवेदना और गति को नियंत्रित करती हैं। वहीं रक्त वाहिकाएं पूरे हाथ के रक्त प्रवाह में मदद करती हैं। कभी-कभी किसी कारणवश पूरे हाथ में या हाथ के किसी विशेष हिस्से में दर्द की शिकायत होने लगती हैं। यह दर्द हल्का या तीव्र होने के साथ-साथ अचानक भी हो सकता है। इस दर्द के कारण हाथों के ऊतकों या जोड़ों में किसी भी प्रकार की परेशानी जैसे जलन, झनझनाहट या सनसनी महसूस हो सकती है। जिसे मेडिकल भाषा में पेरेस्थेसिया कहा जाता है। आमतौर पर पेरेस्थेसिया अस्थायी या स्थायी क्षति या नसों पर दबाव के कारण होता है, जो हाथों से रीढ़ की हड्डी तक संवेदना संदेश ले जाते हैं।

 

हाथ में दर्द के कारण-

गठिया-

अर्थराइटिस हाथ के दर्द का मुख्य कारण है। यह शरीर में कहीं भी दिखाई दे सकता है लेकिन अक्सर हाथों और कलाई में पाया जाता है।

ऑस्टियोआर्थराइटिस आमतौर पर वृद्ध लोगों को प्रभावित करता है। इस स्थिति में जोड़ों की छोर को कवर करने वाला लचीला पदार्थ, जिसे उपास्थि (Cartilage) कहते हैं। वह अपनी जगह से खिसक या टूट जाते हैं। इससे जोड़ों को हिलाने में अत्यधिक दर्द, सूजन और कठिनाई होती है।

रूमेटाइड गठिया एक पुरानी स्थिति है, जो शरीर के कई हिस्सों को प्रभावित करती है। इससे जोड़ों में सूजन आ जाती है, जिससे दर्द और अकड़न होने लगती है। यह अक्सर हाथों से शुरू होकर शरीर के दोनों तरफ समान जोड़ों को प्रभावित करता है।

 

कार्पल टनल सिंड्रोम-

कार्पल टनल सिंड्रोम कलाई पर अधिक तनाव के कारण होता है। विशेष रूप से बार-बार कलाई को हिलाने-डुलाने से होता है। यह सूजन और निशान का कारण बनता है। यह कलाई से गुजरने वाली नसों को संकुचित करते हैं। जिसे माध्यिका तंत्रिका कहते हैं। यह स्थिति दर्द का कारण बनती है, जो रात में बढ़ जाती है। साथ ही हथेलियों, अंगूठे और उंगलियों में झनझनाहट उत्पन्न करती है।

 

डी कर्वेन टेनोसाइनोवाइटिस-

डी कर्वेन टेनोसाइनोवाइटिस एक दर्दनाक स्थिति है, जो अंगूठे के आसपास के टेंडन को प्रभावित करती है। यह अंगूठे के आधार के आसपास के दो रंध्रों की सूजन क्षेत्र में सूजन का कारण बनती है। यह सूजन नसों पर दबाव डालती है, जिससे अंगूठे के आधार के आसपास दर्द एवं झनझनाहट की समस्या उत्पन्न हो जाती है।

 

गठिया-

गठिया की स्थिति तब होती है जब रक्त में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है। इस स्थिति में व्यक्ति जब कुछ देर के लिए आराम करता है तो यूरिक एसिड जोड़ों में इकठ्ठा होकर क्रिस्टल का रूप ले लेते हैं। जिससे व्यक्ति को असहनीय दर्द का सामना करना पड़ता है। गठिया की समस्या ज्यादातर बड़े पैर के अंगूठे के आधार या जोड़ को प्रभावित करता है। लेकिन यह पैरों, घुटनों, बाहों और कलाई में कहीं भी हो सकता है।

 

ल्यूपस-

ल्यूपस एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसका अर्थ है कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला करती है और स्वस्थ ऊतकों को नुकसान पहुंचाती है। जिससे शरीर में जलन और सूजन होने लगती हैं। इस सूजन के कारण जोड़ों के आसपास की पतली परत मोटी हो जाती है। जिसके परिणामस्वरूप हाथों और पैरों में दर्द और सूजन हो जाती है।

 

चोट-

खेलकूद, वाहन से गिरने एवं मकान निर्माण के दौरान हाथ में चोट लगना बहुत आम बात हैं। यदि इसे ठीक रूप से इलाज न किए जाने पर हाथ का चोट या फ्रैक्चर स्थिति को खराब कर सकता है। लेकिन यह फ्रैक्चर जो ठीक से ठीक नहीं हो पाते, आगे चलकर एक गंभीर दर्द का कारण बनते हैं।

 

पेरिफेरल (परिधीय) न्यूरोपैथी-

पेरिफेरल न्यूरोपैथी एक ऐसी बीमारी है, जो हाथों में कमजोरी, दर्द और सुन्नता का कारण बनती है। यह समस्या तब होती है जब परिधीय तंत्रिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। वैसे तो कई कारक परिधीय तंत्रिका क्षति का कारण बन सकते हैं। जिसमे मुख्य रूप से मधुमेह, दर्दनाक चोट, संक्रमण और चयापचय संबंधी समस्याएं शामिल हैं।

 

हाथ दर्द का इलाज-

हाथ दर्द का इलाज दर्द के कारण पर आधारित है। इसलिए हाथ में होने वाले दर्द के कारण का इलाज करने से हाथ में दर्द से राहत मिलती है।

 

अर्थराइटिस के सामान्य उपचार में शामिल निम्नलिखित हैं-

  • दर्द और सूजन के लक्षणों का इलाज करने के लिए दवाएं।
  • लंबे समय तक स्टेरॉयड इंजेक्शन।
  • जॉइंट स्पलिंट।
  • शल्य चिकित्सा।
  • व्यावसायिक चिकित्सा / फिजियोथेरेपी।
  • गर्म सिकाई।

कार्पल टनल सिंड्रोम के सामान्य उपचारों में शामिल हैं-

  • गर्म पट्टी।
  • असहज गतिविधियों से बचें।
  • बर्फ या आइस पैक से नियमित रूप से सिकाई करें।
  • ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) दर्द निवारक दवाएं ।
  • एनेस्थेटिक्स या स्टेरॉयड के इंजेक्शन लें।
  • मौखिक स्टेरॉयड का सेवन करें।
  • नियमित रूप से व्यायाम करें।
  • एक्यूपंक्चर थेरेपी।
  • शल्य चिकित्सा।
गाउट के सामान्य उपचारों में शामिल हैं-

दर्दनाक गठिया के इलाज के लिए बाजारों में कई दवाएं उपलब्ध हैं। जिसमें नॉन स्टेरॉइडल एंटी इंफ्लेमेंटरी मेडिसिन (एनएसएआईडी) और कोल्सीसिन शामिल हैं। साथ ही इन दवाओं के साथ-साथ गर्म तेल मालिश (औषधीय रूप से ) या गर्म सिकाई करना बेहद लाभकारी होता हैं।

 

ल्यूपस के सामान्य उपचारों में शामिल हैं-

ल्यूपस का कोई इलाज नहीं है। लेकिन ऐसे कई उपचार हैं, जिसका उपयोग करके ल्यूपस के लक्षणों को रोकने में मदद मिल सकती हैं। यह निम्नलिखित हैं:

  • गर्म या ठंडा सिकाई।
  • एनएसएआईडी।
  • फिजियोथेरेपी या व्यावसायिक चिकित्सा।
  • दर्दनाक गतिविधियों से बचें।
पेरिफेरल न्यूरोपैथी के सामान्य उपचारों में शामिल हैं-
  • तंत्रिका दर्द के इलाज के लिए प्रिस्क्रिप्शन दवाएं।
  • प्रिस्क्रिप्शन दर्द निवारक।
  • मिर्गी-रोधी दवा।
  • अवसाद रोधी यानी एंटी डिप्रेसेंट मेडिसिन।

हाथ दर्द के घरेलू उपचार-

हल्दी-

हल्दी में सूजन रोधी गुण पाया जाता है। इसके अलावा यह प्राकृतिक दर्द निवारक का काम करती है। इसके लिए एक गिलास गर्म दूध में एक चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर पिएं। ऐसा करने से हाथ दर्द से राहत मिलती है।

 

सूरज की रोशनी-

अपने शरीर को विटामिन डी की पूर्ति के लिए प्रतिदिन कुछ समय तक सूरज की रोशनी अर्थात धूप में बैठें। क्योंकि ऐसा करने से जोड़ों को ऑस्टियोआर्थराइटिस क्षति से बचाव होता है।

 

ग्रीन टी-

रोजाना 2-3 कप ग्रीन टी का सेवन गठिया से लड़ने में बहुत ही मदद करता है। दरअसल इसमें पाए जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण हाथ का दर्द कम करने में सहायक होते हैं।

 

तैराकी-

तैरना प्रतिरोध प्रशिक्षण का एक कम प्रभाव वाला रूप है, जो पूरे शरीर को संलग्न करता है। यह स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और दर्द को कम करने का एक सुखद तरीका है।

 

गर्म और ठंडा सिकाई-

अपने हाथ में होने वाले दर्द को दूर करने के लिए गर्म और ठंडा सिकाई एक प्रभावी तरीका है। इसके लिए प्रतिदिन 3 से 4 घंटे के अंतराल पर आइस पैक या गर्म पट्टी लगाएं। ऐसा कम से कम 20 मिनट तक करें। ऐसा करने से दर्द कम होता है।

 

मालिश-

हाथ दर्द को दूर करने के लिए तेल की मालिश को कारगर उपाय माना जाता है। इसके लिए सरसों, लैवेंडर या जैतून का तेल में से किसी भी तेल को हल्का गर्म करके दर्द वाले हिस्सें और उसके आसपास की मांसपेशियों की मालिश करें। ऐसा करने से हाथ दर्द से राहत मिलती है।

 

डॉक्टर के पास कब जाएं?

निम्न परिस्थितियां होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें:

  • हाथ में गंभीर, लगातार एवं आवर्ती दर्द का अनुभव होने पर।
  • घरेलू उपचार करने से भी दर्द में सुधार न दिखाई देने पर।
  • हाथ में दर्द के साथ-साथ अन्य लक्षण जैसे बुखार या थकान होने पर।
  • प्रभावित जोड़ों की गति में कमी आने पर।
  • कुछ हड्डी विकृतियाँ जैसे असामान्य गांठ दार वृद्धि या असामान्य स्थायी झुकना आदि।

Disclaimer

The informative content furnished in the blog section is not intended and should never be considered a substitution for medical advice, diagnosis, or treatment of any health concern. This blog does not guarantee that the remedies listed will treat the medical condition or act as an alternative to professional health care advice. We do not recommend using the remedies listed in these blogs as second opinions or specific treatments. If a person has any concerns related to their health, they should consult with their health care provider or seek other professional medical treatment immediately. Do not disregard professional medical advice or delay in seeking it based on the content of this blog.


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