Cart
My Cart

Use Code VEDOFFER20 & Get 20% OFF 5% OFF ON PREPAID ORDERS

Use Code VEDOFFER20 & Get 20% OFF.
5% OFF ON PREPAID ORDERS

No Extra Charges on Shipping & COD

क्या है कौंच? जानें, इसके फायदे और उपयोग

क्या है कौंच? जानें, इसके फायदे और उपयोग

2022-05-24 12:00:28

कौंच एक तरह की लता है। जिसका वानस्पतिक नाम मुकुना प्रुरियंस (Mucuna pruriens) है। इसे किवांच या केवांच भी कहा जाता है। इसके अलावा कौंच को भिन्न-भिन्न जगहों पर विभिन्न नामों जैसे कपिकच्छु, काउहैज, कोवंच, अलकुशी, कौंचा और कवच आदि नाम से जाना जाता हैं। आमतौर पर कौंच दो प्रकार के होते हैं। एक जंगली और दूसरी प्रजाति के किस्म की खेती की जाती है। जंगली कौंच में अधिक रोएं होते है। जिसके संपर्क में आने से त्वचा में खुजली या जलन जैसी समस्या होने लगती है। वहीं, जिस प्रजाति की खेती की जाती है, उसमें कम रोएं पाए जाते हैं। इस प्रजाति की कौंच को मखमली सेम यानी वेलवेट बीन्स (Velvet Beans) भी कहा जाता है। सालों से कौंच के बीज, जड़, पत्ते का उपयोग आयुर्वेद में औषधि बनाने के लिए किया जा रहा है।

 

कौंच बीज के फायदे-
पार्किसंस रोग में लाभदायक-

कौंच के बीज का सेवन पार्किसंस रोग में लाभदायक हैं। दरअसल पार्किसंस तंत्रिका तंत्र से जुड़ी बीमारी है। जब मस्तिष्क में तंत्रिका कोशिकाएं पर्याप्त मात्रा में डोपामाइन नामक यौगिक का निर्माण नहीं कर पाती है, तो इस स्थिति को पार्किसंस कहते हैं। ऐसे में कौंच के बीज का सेवन एक अच्छा विकल्प है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, कौंच के बीज पार्किसंस के लिए असरदार होता हैं। क्योंकि इसमें एल-डोपा नामक एमिनो एसिड मौजूद है। जो पार्किसंस की समस्या से बचाने या रोकने का काम करता है। 

 

तनाव को दूर करने के लिए-

कौंच के बीज का प्रयोग तनाव को दूर करने के लिए किया जाता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए जाने जाते हैं। इसके अलावा कौंच के बीज में एंटी डिप्रेसेंट एवं एंटी ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, जो तनाव, अवसाद जैसी मानसिक समस्याओं से निपटने में सहायता करती है। इसके लिए कौंच के बीज के चूर्ण का सेवन करें। ऐसा करने से यह तनाव से छुटकारा दिलाने और अच्‍छी नीद लेने में मदद करता है।

 

अनिद्रा से दिलाए छुटकारा-

कौंच के बीज में मौजूद पोषक तत्व दिमाग को रिलैक्स करने में फायदेमंद होते हैं। इसका उपयोग करने से मन शांत हो जाता है। साथ ही अनिद्रा की समस्या भी दूर हो जाती है। इसके लिए कौंच के बीज से बने काढ़े का सेवन करें।

 

बांझपन और नपुंसकता में लाभ-

बांझपन और नपुंसकता जैसी समस्या में कौंच के बीज प्रभावी रूप से औषधि की तरह काम करती है। इस पर किए गए एक शोध के मुताबिक, कौंच के बीज में एंटीऑक्सीडेंट गुण प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में कारगर होता है। साथ ही स्पर्म यानी शुक्राणुओं की गुणवत्ता को बेहतर करता है। इसके लिए कौंच के बीज के चूर्ण को दूध के साथ प्रतिदिन सुबह-शाम सेवन करें।

 

शारीरिक कमजोरी को दूर करने में सहायक-

कौंच के बीज का प्रयोग शारीरिक कमजोरी को दूर करने के लिए सालों से किया जाता रहा है। दरअसल इसमें एंटी ऑक्सीडेंट, प्रोटीन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक, फास्फोरस और कॉपर जैसे तत्व भरपूर पाए जाते हैं। जो व्यक्ति के शारीरिक कमजोरी को दूर करने में सहायक होते हैं।

 

शरीर या कमर दर्द में लाभदायक-

आजकल व्यस्त दिनचर्या की वजह से कई लोग बदन दर्द या कमर दर्द से पीड़ित हैं। शरीर में यह दर्द रोजमर्रा के काम में बाधा उत्पन्न करता है। जिससे व्यक्ति कई तरह के दर्द निवारक दवाइयों का सेवन करने लगते हैं। जिसके कई दुष्प्रभाव हो सकते हैं। इसलिए आयुर्वेदिक उपचार फायदेमंद साबित होते हैं। ऐसे में कौंच के बीज का सेवन करना लाभदायक होता है। क्योंकि इसमें एंटी इंफ्लेमेंटरी और एंटी एनाल्जेसिक गुण पाए जाते हैं, जो बदन या कमर दर्द से राहत दिलाने का काम करते हैं।   

 

वजन कम करने में सहायक-

वजन को कम करने के लिए भी कौंच के बीज कारगर साबित होता है। इसमें एंटी ओबेसिटी गुण पाई जाती है, जो वजन को नियंत्रित करने में सहायता करती है। इसलिए मोटापा से ग्रसित लोगों को अपने डाइट में कौंच के बीज जरुर शामिल करें।

 

कोलेस्ट्रॉल को कम करने में लाभप्रद-

हाइपरकोलेस्ट्रॉलमिया यानी हाई कोलेस्ट्रॉल होना हृदय एवं धमनियों से संबंधित रोगों का कारण हो सकता है। इसलिए व्यक्ति को कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखना बेहद जरुरी है। ऐसे में कौंच के बीज लाभकारी होते हैं। इस पर किए गए एक शोध के मुताबिक,कौंच के बीज में एंटी कोलेस्ट्रॉल गतिविधि पाई जाती है। यह एलडीएल यानी खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। साथ ही एचडीएल यानी अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है। इस प्रकार कोलेस्ट्रॉल के मरीजों के लिए यह औषधि की तरह काम करता है।

 

डायबिटीज (मधुमेह) के लिए-

कौंच के बीज का इस्तेमाल डायबिटीज के लिए अच्छा होता है। यह शरीर में ग्लूकोज के स्तर को कम करने में मदद करती है। इस पर किए गए एक शोध के मुताबिक, कौंच के बीज में एंटी डायबिटिक और एंटीहाइपरग्लाइसेमिक गुण पाए जाते हैं। इसके अलावा कौंच के बीज में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। जो ब्लड ग्लूकोज और ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को कम करने में मदद करते हैं। इसी वजह से कौंच के बीज मधुमेह की समस्या में आराम देने का काम करता है।

 

एंटीऑक्सीडेंट रूप में-

कौंच के बीज में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। दरअसल, सेहतमंद शरीर के लिए कई तरह के एंटी ऑक्सीडेंट की जरुरत होती है। एंटी ऑक्सीडेंट शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले फ्री रेडिकल्स से बचाता है। साथ ही शरीर को स्वस्थ्य रखने का काम भी करता है।

 

कौंच बीज के उपयोग-
  • कौंच बीज का उपयोग काढ़े के रूप में किया जाता है।
  • इसका उपयोग कैप्सूल या टेबलेट के रूप में किया जाता है।
  • इसके बीज से बने चूर्ण को गुनगुने पानी या दूध के साथ सेवन किया जाता है।
  • कौंच के पत्तों को पीसकर लेप के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन ऐसा करने से पहले चिकित्सक से सलाह जरुर लें।
कौंच बीज के नुकसान-
  • कौंच के बीज में एंटी-एंटीन्यूट्रिशन प्रभाव पाया जाता है। इसलिए, इसके अधिक सेवन से शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है।
  • यह एल-डोपा (L-dopa) नामक एमिनो एसिड भरपूर होता है। इसलिए इस एमिनो एसिड की अधिक सेवन करने से उल्टी, मतली, सिरदर्द एवं अधिक नींद आने की समस्याएं उत्पन्न हो सकती है।
  • गर्भवती महिलाएं या स्तनपान कराने वाली माताएं इसका सेवन न करें। क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है। जिससे गर्भपात या बच्चों को हानि हो सकती है।
कहां पाई जाती है कौंच?

आमतौर पर कौंच ज्यादातर मैदानी क्षेत्रों में पाई जाती हैं। इसके अलावा यह हिमालयी इलाकों में भी देखने को मिलते हैं। सामान्यतः भारत में यह सभी मैदानी क्षेत्रों एवं हिमालय के 1000 मी ऊंचाई पर देखने को मिलती है।  

Disclaimer

The informative content furnished in the blog section is not intended and should never be considered a substitution for medical advice, diagnosis, or treatment of any health concern. This blog does not guarantee that the remedies listed will treat the medical condition or act as an alternative to professional health care advice. We do not recommend using the remedies listed in these blogs as second opinions or specific treatments. If a person has any concerns related to their health, they should consult with their health care provider or seek other professional medical treatment immediately. Do not disregard professional medical advice or delay in seeking it based on the content of this blog.


Share: