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कोणासन क्या है? जानें, इसके प्रकार और स्वास्थ्य लाभ

कोणासन क्या है? जानें, इसके प्रकार और स्वास्थ्य लाभ

2022-07-04 00:00:00

कोणासन एक तरह का योग है। यह दो शब्दों से मिलकर बना है। पहला कोण जिसका शाब्दिक अर्थ कोना और दूसरा आसन जिसका मतलब मुद्रा होता है, अर्थात कोणासन में शरीर का आकार कोण जैसी मुद्रा में आ जाता है। इस मुद्रा में शरीर को संतुलित करके कोण की आकृति में खड़ा रहना पड़ता है। इसलिए इसे कोणासन कहा जाता हैं। इस आसन को अंग्रेजी में एंगल पोज़ (Angle Pose) के नाम से जानते हैं। इस आसन के कई शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य लाभ होते हैं। यह पैरों से लेकर हाथों एवं शरीर के कई अंग को लाभ पहुंचाता है।

कोणासन के प्रकार एवं विधि

वैसे तो कोणासन कई तरीकों से किया जाता है, लेकिन आमतौर पर योगशास्त्र में उल्लेखित इस मुद्रा को खड़े होकर दो तरीके से किया जाता है हैं। आइए जानते है इन आसनों के प्रकार एवं विधियों के बारे में

कोणासन प्रथम

  • सर्वप्रथम सावधान मुद्रा में योग मैट पर सीधे खड़े हो जाएं।
  • सुनिश्चित करें कि दोनों पैरों के बीच दूरी कूल्हे के समानांतर हो और हाथों को शरीर के बगल में रखें ।
  • अब धीरे-धीरे सांस लेते हुए अपने बाएं हाथ को इस प्रकार ऊपर उठाएं की उंगलियां छत की दिशा में रहें ।
  • उसके बाद धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए अपनी दाहिने तरफ झुकें।
  • तत्पश्चात अपने शरीर को बाई तरफ ले जाते हुए थोड़ा और झुकें। ध्यान दें बाया हाथ ऊपर की ओर तना रहना चाहिए।
  • अब अपने सिर को ऊपर की तरफ उठाकर अपने बाए हाथ को देखें। कोहनियों को न मोड़ें।
  • सांस लेते हुए अपने शरीर को पुनः अपने अवस्था में लाएं।
  • उसके बाद सांस को धीरे-धीरे छोड़ते हुए बाए हाथ को नीचे लाएं।

कोणासन द्वितीय

  • सबसे पहले किसी योग मैट पर अपने दोनों पैरो को फैलाकर खड़े हो जाएं।
  • इस तरह से खड़े हो कि दोनों पैरों के बीच में 2 फीट का अंतर हो और शरीर संतुलित मुद्रा में रहें।
  • अब धीरे-धीरे सांस लेते हुए अपने दोनों हाथों को फैलाकर सिर के ऊपर ले जाएं।
  • उसके बाद हथेली के उंगलियों को इसप्रकार जोड़े कि हाथ गुंबदनुमा अवस्था में आ जाएं। सुनिश्चित करें कि हाथ कान को छूकर जाएं।
  • अब श्वास को धीरे-धीरे बाहर छोड़ते हुए दाहिने तरफ झुकें। हाथ को कोहनियों से न मोड़ें।
  • तत्पश्चात अपने शरीर को बाई तरफ ले जाते हुए थोड़ा और झुकें ताकि खिंचाव बना रहें। इस स्थिति में लंबी सांस लें और छोड़े।
  • पुनः सांस लेते हुए अपने प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।
  • उसके बाद सांस को धीरे-धीरे छोड़ते हुए बाए हाथ को नीचे लाएं।
  • अब बाए तरफ से इस प्रक्रिया को दोहराएं।
  • कोणासन के इस चक्र को कम से कम 4-5 बार करें।

कोणासन के स्वास्थ्य लाभ

यू तो इस आसन को करने से कई स्वास्थ्य संबंधी लाभ मिलते हैं। लेकिन कुछ महत्वपूर्ण लाभ निम्न हैं :

  • इस आसन को करने से रीढ़ की हड्डी, जांघे और बाजुओं को मजबूती मिलती हैं।
  • यह आसन शरीर के सभी अंगों को सुदृढ़ता प्रदान करता है।
  • मेरुदंड (रीढ़ की हड्डी )को लचीला बनाता है।
  • यह बैक पेन यानी कमर दर्द को ठीक करने में मदद करता है।
  • यह आसन फेफड़ों के कार्यप्रणाली को सुधारता है।
  • यह मुद्रा रक्त परिसंचरण के लिए बेहद लाभप्रद है।
  • इसके निरंतर अभ्यास से कटिस्नायुशूल अर्थात साइटिका में बेहद कारगर साबित होता है।
  • कब्ज या अन्य पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने में सहायक है।
  • इस योगाभ्यास से रक्त की शुद्धि होती है।
  • इससे शरीर का आलस्य दूर होता है।

कोणासन करते समय बरतें यह सावधानियां

  • कोणासन को धीरे-धीरे करें, जिससे शरीर को झटका न लगे ।
  • योगासन के दौरान शरीर के किसी भी अंगों पर अधिक दबाव न बनाएं।
  • यदि कोई तीव्र पीठ दर्द और स्पॉन्डिलाइटिस जैसी समस्या से ग्रसित है, तो वह इस मुद्रा को न करें।
  • बुखार, घबराहट, पेट में दर्द या अन्य कोई शारीरिक परेशानी होने पर इस आसन को करने से बचें।
  • गर्भवती महिलाऐं इस आसन को करने से परहेज करें।

Disclaimer

The informative content furnished in the blog section is not intended and should never be considered a substitution for medical advice, diagnosis, or treatment of any health concern. This blog does not guarantee that the remedies listed will treat the medical condition or act as an alternative to professional health care advice. We do not recommend using the remedies listed in these blogs as second opinions or specific treatments. If a person has any concerns related to their health, they should consult with their health care provider or seek other professional medical treatment immediately. Do not disregard professional medical advice or delay in seeking it based on the content of this blog.


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