क्या है लैवेंडर ? जानें, इसके फायदे और नुकसान
2022-08-22 00:00:00
लैवेंडर कई औषधीय गुणों से भरपूर एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है। इसका वानस्पतिक नाम लैवेंडुला एंगस्टीफोलिया (Lavandula angustifolia) है। लैवेंडर एक सदाबहार पौधा है जिसे मध्य पूर्व, भूमध्यसागरीय और भारत में मूल रूप से पाया जाता है। यह एक खास औषधीय पौधा है, जो मानसिक थकान, अवसाद और तनाव के साथ-साथ कई शारीरिक समस्याओं को दूर करने में भी मदद करता है। इसका उपयोग विभिन्न प्रकार के कॉस्मेटिक और चिकित्सा प्रयोजनों के लिए भी किया जाता है। लैवेंडर केपुष्प और घास में खास सुगंध होती है। जिससे मन और शरीर दोनों को आराम मिलता है। इसके अलावा लैवेंडर में सूजन विरोधी, फंगस रोधी, अवसाद रोधी, जीवाणुरोधी, रोगाणुरोधी, पीड़ारोधी, सूक्ष्मजीवी रोधी, शांतिदायक और सन्तोष दिलाने के गुण पाए जाते हैं। इन सभी गुणों की वजह से स्वास्थ्य में लाभ हेतु लैवेंडर का व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है।
लैवेंडर के फायदे
- अनिद्रा को दूर करने में कारगर-अनिद्रा एक कष्टप्रद समस्या है जो व्यक्ति को पूरे रात जगाती है। इसके लिए सोने से पहले अपने तकिए पर लैवेंडर से बने एसेंशियल ऑयल की कुछ बूंदों को डालें। इसकी खुशबू दिमाग को शांत कर मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर करती है। इसलिए बेहतर नींद के लिए इस तेल का उपयोग अच्छा उपाय माना जाता है।
- फंगल संक्रमण को दूर करने में सहायक-फंगस संक्रमण से लड़ने के लिए लैवेंडर एक प्राकृतिक उपचारक है। दरअसल लैवेंडर में एंटीफंगल और एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं जो फंगल कोशिकाओं की झिल्लियों को नष्ट करने का काम करते हैं।
- बालों के विकास में लाभदायक-लैवेंडर कातेल बालों के विकास के लिए प्रभावी विकल्प है। इसे बालों पर लगाने से बालों के रोम को पोषण मिलता है। जिससे बालों के विकास में बढ़ोतरी होती है।
- रक्तचाप और हृदय गति को नियंत्रित करने में सहायक-लैवेंडर आवश्यक तेल को सूंघने से दिमाग की मांसपेशियों के कार्यप्रणाली में सुधार होता है। जिससे रक्तचाप को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है। परिणामस्वरूप हृदय गति में सुधार करताहै।
- अस्थमा में लाभप्रद-लैवेंडर में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो ब्रोन्कियल ट्यूब के सूजन और संक्रमण को ठीक करने में मदद करते हैं। इस प्रकार लैवेंडर आवश्यक तेल श्वसन स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।
- दाग-धब्बों को दूर करने में मददगार-लैवेंडर के तेल को प्रभावित जगह पर लगाने से दाग-धब्बों के इलाज में मदद मिलती है। इसके एनाल्जेसिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण सूजन कम हो जाती है।
- चिंता कम करने में सहायक-लैवेंडर एंटी-डिप्रेसेंट के रूप में कार्य करता है जो चिंता के स्तर को कम करता है। जिससे यह बेहतर नींद प्राप्त करने में मदद मिलती है।
लैवेंडर का उपयोग करते समय बरतें यह सावधानियां-
- तंत्रिका तंत्र-लैवेंडर तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है। सर्जरी के दौरान, एनेस्थीसिया या अन्य दवाओं के साथ सेवन करने पर इसे सुरक्षित नहीं माना जाता है। इसलिए सर्जरी से 2 सप्ताह पहले लैवेंडर के उपयोग को रोकने की सलाह दी जाती है।
- गर्भावस्था या स्तनपान-गर्भावस्था या स्तनपान के दौरान लैवेंडर का उपयोग करने से बचें। इसके अलावा डॉक्टर के परामर्शनुसार उपयोग करें।
- कुछ दवाओं से बचें-लैवेंडर कुछ शामक दवाओं जैसे बार्बिटुरेट्स के साथ प्रयोग किया जाता है जो अधिक उनींदापन या नींद का कारण बनता है। इसलिए, इन दवाओं के साथ लैवेंडर के उपयोग से बचने की सलाह दी जाती है।
- बच्चे- लैवेंडर में एक हार्मोनल प्रभाव होता है जो बच्चों के शरीर में सामान्य हार्मोन में बदलाव कर सकता है। इसलिए, चिकित्सक के सलाह पर ही इसका इस्तेमाल करें।
लैवेंडर के दुष्प्रभाव-
- उल्टी या मतली आना।
- सिर दर्द होना।
- अधिक भूख लगना।
- कब्ज़ होना।
- दस्त आना।
- एलर्जी होना।
- आंतों में ऐंठन होना।
यह कहां पाया जाता है?
अधिकांशतः लैवेंडर फ्रांस के प्रोवेंस की इलाकों में व्यावसायिक रूप से उगाए जाते हैं। क्योंकि यहां कि जलवायु लैवेंडर उत्पादन के लिए आदर्श है। चूंकि यह पौधा बारहमासी है और इसे उगाने के लिए शुष्क, धूप वाले वातावरण की आवश्यकता होती है। आमतौर पर कम वर्षा वाले क्षेत्रों में बढ़ता है। भारत में लैवेंडर के फूल हिमाचल प्रदेश, कश्मीर घाटी और उत्तर प्रदेश राज्य की पहाड़ियों पर देखने को मिलते हैं।