मकरासन क्या है? जानें, इसकी विधि और फायदों के बारे में
2022-07-21 00:00:00
मकरासन का उद्गम संस्कृत भाषा के ‘मकर’ शब्द से हुआ है। जिसका शाब्दिक अर्थ मगरमच्छ होता है। इस आसन में व्यक्ति मगरमच्छ की तरह पोज़ बनाता है। इसलिए इस आसन को अंग्रेजी में क्रोकोडाइल पोज़ (Crocodile Pose) कहा जाता है। इस योगाभ्यास को सही तरीके से करने से कई शारीरिक और मानसिक फायदे मिलते हैं। इसके निरंतर अभ्यास से पीठ और रीढ़ की मांसपेशियों में लचीलापन बना रहता है। जिससे कमर दर्द, पीठ दर्द की समस्या से निजात मिलता है। इसके अलावा मकरासन के नियमित अभ्यास से आध्यात्मिक लाभ भी मिलते हैं। आइए इस लेख के माध्यम से मकरासन करने की विधि और फायदों के बारे में प्रकाश डालते हैं।
मकरासन करने की विधि
- सर्वप्रथम खुले वातावरण या स्वच्छ जगह का चयन करें।
- दरी या चटाई बिछाकर उस पर पेट के बल लेट जाएं।
- अब अपने पैरों को सीधा फैलाएं और शरीर को सीधा रखें।
- अब अपनी दोनों कोहनियों को जमीन पर रखें।
- अब अपने सिर और कंधों को ऊपर उठाएं। ध्यान रहें इस दौरान दोनों कोहनी जमीन पर टिकीं रहें।
- अब अपने हथेलियों को कप के आकार में स्टैंड बनाकर इस पर ठुड्डी को रखें।
- अब लंबी श्वास लें और छोड़ें।
- यदि इस प्रक्रिया में कमर पर अधिक दबाव पड़ता है तो अपनी दोनों कोहनियों को थोड़ा फैलाकर रखें।
- अब आप मकरासन की मुद्रा में आ गए हैं।
- अब अपने दोनों पैरों को धीरे-धीरे नीचे से ऊपर फिर ऊपर से नीचे की ओर ले जाएं।
- इस तरह मकरासन का एक चक्र पूरा होता है।
- इस प्रक्रिया को करीब 10 बार या अपनी क्षमतानुसार करें।
मकरासन करने के फायदे
- यह आसन पीठ, गर्दन और कंधों की मांसपेशियों को स्ट्रेच करता है। जिससे पीठ की अकड़ कम होती है। जिससे कमर की समस्याओं में आराम मिलता है।
- बदन दर्द से राहत मिलती हैं।
- रीढ़ की हड्डी अर्थात मेरुरज्जु के लिए मकरासन बेहद फायदेमंद है। इसके नियमित अभ्यास से मेरुरज्जु लचीली होती है।
- मकरासन हृदय रोगों के इलाज में अत्यंत लाभकारी होता है।
- यह आसन चिंता, तनाव एवं सिरदर्द को कम करके दिमाग को शांति प्रदान करता है।
- यह आसन अस्थमा के मरीजों के लिए अत्यंत लाभकारी है।
- पाचन तंत्र को ठीक रखने के लिए मकरासन बेहद लाभकारी है। क्योंकि इसके अभ्यास से पेट की मांसपेशियों पर खिंचाव पड़ता है। जिससे पेट के सभी अंगों की सुचारु रूप से मालिश होती है। इसप्रकार यह पेट के अंगों को उत्तेजित करके पाचन क्रिया को सुधारने में मदद करता है।
मकरासन करते समय बरतें यह सावधानियां
- मकरासन को अपनी क्षमता से अधिक न करें।
- कमर, पीठ और गर्दन में किसी भी तरह का चोट या तीव्र दर्द होने पर इस आसन को न करें।
- शरीर के किसी भी अंग में चोट होने पर मकरासन करने से बचें।
- उच्च रक्तचाप वाले लोगों को इसके अभ्यास से बचना चाहिए।