क्या होती है कलौंजी? जानें इसके फायदे और नुकसान
2022-05-25 17:53:19
क्या होती है कलौंजी? – कलौंजी रानुनकुलस प्रजाति का झाड़ीय पौधा है। जिसका वानस्पतिक नाम निजेला सेटाइवा है। कलौंजी मुख्य रूप से दक्षिण-पश्चिम एशिया में पाया जाता है। यह एक काले रंग का बीज होता है। इसका पेड़ लगभग 20 सेमी से 30 सेमी का होता है। भारत में इसका उत्पादन बिहार में अधिक होता है, जहां इसे मंगरेला के नाम से जानते है। इसका इस्तेमाल आप सब्ज़ी में, सलाद, आटे, पुलाव और अन्य कई खाद्य पदार्थ में कर सकते हैं। भारत में इसका अधिक उपयोग अचार बनाने में किया जाता है।
आयुर्वेद में कलौंजी का महत्व-
क्या होती है कलौंजी? – कलौंजी एक आयुर्वेदिक औषधि है। जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर, शरीर को रोगमुक्त बनाती है। आयुर्वेदिक चिकित्सा में कलौंजी का तेल कई तरह की बीमारियों से लड़ने में मदद करता है। इसमें शरीर से ख़राब कोलेस्ट्रॉल निकालने के गुण होते है। यह डायबिटीज को नियंत्रित रखती है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते है, जो कैंसर जैसी बीमारियों को शरीर से बचाते हैं। इसके सेवन से पेट के कीड़े, लीवर की समस्या, रक्त और त्वचा संबंधि समस्याएं कम होती हैं।
कलौंजी के फायदे –
यह प्रमुख प्राकृतिक रसायनों में भी समृद्ध है जैसे थॉमोक्विनोन,थेयमोल,आदि। इसके अलावा इसमें और भी तत्व विटामिन, क्रिस्टलीय निगेलोन, वाष्पशील तेल, एल्किलॉइड, लोहा, सोडियम, पोटेशियम और फैटी एसिड से परिपूर्ण तत्व पाए जाते है। जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक है ;
कोलेस्ट्रॉल को कम करने में लाभप्रद-
क्या होती है कलौंजी? – इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट्स (antioxidant) गुण पाया जाता है, जो शरीर में कोलेस्ट्रॉल का ऑक्सीकरण होने से बचाता हैं। जिससे शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम रहती है। यह एंटी-ऑक्सीडेंट्स शरीर की कोशिकाओं को मुक्तकण (free radicals) के कारण होने वाली क्षति से बचाते हैं। साथ ही ब्लड ट्राइगलिसराइड को कम करके ह्दय संबंधित बीमारियों से भी बचाव करते हैं।
डायबिटीज को कंट्रोल करने में सहायक-
कलौंजी शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में सहायता करती है। कलौंजी के तेल में एंटिऑक्सीडेंट होते हैं, जो टाइप 2 डायबिटीज में असरदार होते हैं। इसलिए खाने में कलौंजी का इस्तेमाल करने से ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है
रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक-
कलौंजी के बीजों को उच्च रक्तचाप (Hypertension) के लिए अच्छा माना जाता है। कलौंजी सबसे विश्वसनीय और घरेलु उपचारों में से एक है। इसलिए एक कप गर्म पानी में आधा चम्मच कलौंजी का तेल मिलाकर सेवन करने से रक्तचाप सामान्य बना रहता है।
कैंसर के इलाज में सहायक-
कलौंजी में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और फ्री रेडिकल्स की समस्या को कम करते हैं। साथ ही कलौंजी में एंटी-कैंसर गुण भी होते है, जो शरीर में कैंसर को बढ़ने से रोकते हैं।
सिरदर्द में फायदेमंद-
कलौंजी का तेल सिरदर्द के लिए अद्भुत प्राकृतिक उपाय है। जो शरीर को बिना नुकसान पहुचाएं शीघ्र ही दर्द से राहत दिलाने का काम करता है। कलौंजी का तेल का इस्तेमाल (लगाना) और सेवन दोनों तरह से शरीर के लिए फायदेमंद है।
सूजन से छुटकारा दिलाने में मददगार-
कलौंजी (तीसी) में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए होते हैं। जो शरीर की सूजन को दूर करने में लाभप्रद साबित होते हैं।
त्वचा के लिए फायदेमंद-
कलौंजी का तेल मुंहासे पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लड़ता है और त्वचा को स्वच्छ, चिकनी और चमकदार बनाता है।
कलौंजी के नुकसान-
निम्नलिखित परिस्थितियों में कलौंजी का प्रयोग निषेध हैं;
- अलसी में ब्लड प्रेशर को कम करने वाला प्रभाव पाया जाता है। इसलिए लो ब्लड प्रेशर की शिकायत वाले मरीजों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
- स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
- गर्भावस्था के दौरान इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
- पित्तदोष एवं मितली जैसी समस्या के समय इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
- पेट में जलन होने पर इसका सेवन करने से बचना चाहिए।