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राजकपोतासन क्या है? जानें, इसके करने की विधि और फायदे

राजकपोतासन क्या है? जानें, इसके करने की विधि और फायदे

2022-07-01 00:00:00

राजकपोतासन का उद्गम संस्कृत शब्द से हुआ है। यह संस्कृत के तीन शब्दों से मिलकर बना है। पहला शब्द राज है जिसका शाब्दिक अर्थ राजा होता है। दूसरा कपोत का मतलब कबूतर और तीसरा आसन यानी मुद्रा होता है। अर्थात इस आसन का अभ्यास करते समय ऐसा प्रतीत होता है जिस तरह कबूतरों का राजा कभी-कभी अपना सीना चौड़ा करता हैं। यही वजह है कि इसे राजकपोतासन कहा जाता है। आमतौर पर राजकपोतासन दो तरह से किया जाता है। पहला एक पाद राजाकपोतासन होता है, जो एक पैर से किया जाने वाला आसन है और दूसरा द्विपाद राजाकपोतासन, जो दोनों पैरों से किया जाता है। इसके निरंतर अभ्यास से शरीर लचीला और ताकतवर बनता है।

राजकपोतासन करने की विधि

  • राजकपोतासन को करने के लिए सर्वप्रथम फर्श पर अपने हथेलियों को सामने की ओर जमीन पर रखते हुए मार्जरी आसन की मुद्रा में बैठ जाएं।
  • इसके बाद अपने दाएं पैर को पीछे की ओर खिसकाएं और घुटनों को सीधा करें। ध्यान रखें इस दौरान जांघ जमीन को स्पर्श करना चाहिए।
  • अब अपने बाएं नितंब को जमीन पर रखे और बाएं एड़ी को दाहिने कुल्हें के सामने रखें।
  • इसके बाद अपने शरीर को धीरे-धीरे ऊपर खींचने का प्रयास करें।
  • अब अपने गर्दन को धीरे-धीरे पीछे करते हुए कमर से अपने शरीर को पीछे की ओर मोड़ें। साथ ही अपने शरीर का भार नितंब (hips) पर टिकाएं।
  • तत्पश्चात अपने दाहिने पैर को घुटनों से पीठ की ओर मोड़ें और बाएं एवं दाएं दोनों हाथों से पंजों को पकड़ने की कोशिश करें। इस अवस्था में आपके दोनों कोहनी ऊपर की तरफ होनी चाहिए।
  • यह योग तंत्रिका तंत्र को मजबूती प्रदान करता है। साथ ही इसके सक्रियता को बढ़ाता है।
  • इस मुद्रा में करीब 1 मिनट या क्षमता अनुसार बने रहें।

राजकपोतासन करने के लाभ

  • यह आसन रीढ़ की हड्डी को लचीलापनऔर मजबूती प्रदान करता है।
  • इसके निरंतर अभ्यास से छाती में खिंचाव आता है, मांसपेशियां मजबूत और सीना चौड़ा होता है।
  • इसके नियमित अभ्यास से पेट की मांसपेशियों में खिंचाव आता है। जिससे पाचन तंत्र मजबूत होता है।
  • इसके योगाभ्यास से कमर एवं पीठ दर्द की समस्याएं खासतौर पर गृध्रसी (sciatica)दूर होती है।
  • इससे पूरे शरीर की रक्त परिसंचरण में सुधार होता है।
  • यह आसन हिप्स वाले हिस्सों में लचीलापन बढ़ाता है।
  • यह योग थायरॉइड के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है।
  • यह मुद्रा बॉडी पोस्चर को ठीक करने में सहायक होता है।
  • यह आसन यूरिनरी सिस्टम को दुरुस्त करता है।

राजकपोतासन करते समय बरतें यह सावधानियां

  • इस योगासन को हमेशा किसी योग विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में ही करें।
  • इसके अभ्यास के दौरान ध्यान रखें कि शरीर का भार कमर पर न होकर नितंब पर होना चाहिए।
  • राजकपोतासन का अभ्यास सुबह खाली पेट ही करें।
  • शरीर में किसी भी तरह का दर्द होने पर इसके अभ्यास से बचें।

Disclaimer

The informative content furnished in the blog section is not intended and should never be considered a substitution for medical advice, diagnosis, or treatment of any health concern. This blog does not guarantee that the remedies listed will treat the medical condition or act as an alternative to professional health care advice. We do not recommend using the remedies listed in these blogs as second opinions or specific treatments. If a person has any concerns related to their health, they should consult with their health care provider or seek other professional medical treatment immediately. Do not disregard professional medical advice or delay in seeking it based on the content of this blog.


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