सीने में दर्द के कारण, लक्षण और घरेलू निदान
2022-05-24 12:30:50
सीने में दर्द अक्सर सीने में किसी प्रकार की समस्या की वजह से होता है। इस दौरान व्यक्ति को कई तरह के लक्षण जैसे सीने में भारीपन, सीने में तेज या कम दर्द एवं चुभन आदि महसूस होने लगते हैं। कुछ लोगो में छाती में दर्द होने का असर गर्दन एवं जबड़ों तक पंहुच जाता है। आयुर्वेद के अनुसार कफ, पित्त या वात के असंतुलन के कारण सीने में दर्द होने लगता है। कुछ लोगो में किसी बड़ी बीमारी की वजह से सीने में भी दर्द होता है। ऐसे में लोगो को डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए। इसके अलावा शुरूआती स्तर के सीने में दर्द को कुछ घरेलू उपचार का उपयोग करके ठीक किया जा सकता है।आइए इस लेख के माध्यम से सीने में दर्द के कारण, लक्षण और घरेलू उपचार के बारे में जानते हैं।
सीने में दर्द होने के कारण
सीने में दर्द की समस्या कभी-कभी एक तरफ या दोनों हिस्सों में भी हो सकती है।यह दर्द कम या तेज भी हो सकता है। जिसके पीछे कई कारण होते हैं। आमतौर पर यह चेस्ट पेन गैस या एसिडिटी के कारण होता है और गंभीर मामलों में ह्रदय संबंधी समस्याओं जैसे -फेफड़ों में संक्रमण, आहारनली, मांसपेशियों और पसलियों तंत्रिकाओं में किसी समस्या के कारण भी दर्द हो सकता है। ।
पेट की समस्या होने पर
पेट में किसी भी प्रकार की समस्या होने पर सीने में दर्द हो सकता है। । जब पित्ताशय की थैली में गैस बनती है तो यह गैस सीने की तरफ चढ़ती है सीने में दर्द होने लगता है। इस स्थिति में एंटासिड मेडिसिन का सेवन करने से दर्द घट जाता है। यह समस्या ज्यादातर सोते समय होता है।
फेफड़ा संबंधित रोग होने पर
सीने में दर्द होने का एक कारण फेफड़ों में संक्रमण या फेफड़ों संबंधित बीमारी भी होती है। इस दौरान दर्द सीने के बीच में न होकर बगल में होता है। सांस लेने या खांसने से यह दर्द और बढ़ जाता है। तपेदिक या निमोनिया आदि रोग होने की वजह से भी सीने में दर्द हो सकता है।
प्ल्यूराइटिस (छाती की अंदरूनी दिवारों में सूजन)
छाती की अंदरूनी दिवारों में सूजन भी सीने में दर्द होने का कारण बनता है। यदि फेफड़ों की ऊपरी सतह के झिल्ली में सूजन आ जाए तो छाती की अंदरूनी दीवार की सूजी हुई सतह से सांस लेने पर हवा रगड़ खाने लगती है। जिससे व्यक्ति के सीने में असहनीय दर्द होने लगता है। इस स्थिति को प्ल्यूराइटिस कहा जाता है।
एंजाइना पेक्टोरिस
एंजाइना कोरोनरी धमनी की बीमारी का एक लक्षण है। जब किसी व्यक्ति के दिल तक रक्त पहुंचाने वाली नसों में ब्लॉकेज हो जाता है या किसी भी कारण से दिल तक पहुंचने वाला रक्त प्रवाह (Blood Flow) धीमा पड़ जाता है। जिसके कारण सीने में दर्द या बेचैनी महसूस होती है।
कोरोनरी आर्टरी डिसेक्शन
कोरोनरी धमनी में किसी कारणवश छेद या खरोंच होने को कोरोनरी आर्टरी डिसेक्शन कहा जाता है। इस स्थिति में सीने में अचानक सनसनी के साथ तेज दर्द होता है, जो शरीर के कई अंगों जैसे गर्दन, पीठ या पेट को प्रभावित करते हैं।
पेरिफेरल वैस्कुलर डिजीज
दिल की धमनियों के दर्द को पेरिफेरल वैस्कुलर डिजीज (P.V.D) कहा जाता है। यह समस्या तब उत्पन्न होती है, जब दिल से जुड़ी शरीर के आंतरिक अंग एवं मस्तिष्क को रक्त पहुंचाने वाली धमनियों में रक्त का संचरण बाधित होने लगता है। जिससे सीने में दर्द होता है।
चेस्ट पेन के लक्षण
- सीने में चुभन या खिंचाव का अनुभव करना।
- सीने में भारीपन महसूस करना।
- घबराहट या बेचैनी होना।
- कमजोरी महसूस करना।
- चक्कर आना।
- सांस लेने में तकलीफ होना।
- शरीर के अन्य हिस्सों जैसे पीठ, गर्दन और हाथों तक दर्द का फैलना।
- निगलने में परेशानी होना।
- मुंह का स्वाद बिगड़ना।
- उल्टी या मतली आना।
- कोल्ड स्वेट अर्थात गर्मी की बजाय घबराहट या डर की वजह से पसीना आना।
सीने में दर्द से बचाव
- अधिक ठंड वाले वातावरण से बचें।
- भोजन करते समय अधिक नमक का सेवन न करें।
- प्रतिदिन व्यायाम करें।
- आहार में फाइबर युक्त पदार्थों का सेवन करें।
- कैलोरी युक्त पदार्थो के सेवन से बचें।
- धूम्रपान, तंबाकू एवं अलकोहल के सेवन से बचें।
- प्रतिदिन ताजे अनार के जूस का सेवन करें।
सीने में दर्द के घरेलू उपचार
लहसुन है फायदेमंद
लहसुन सीने में दर्द के लिए उपायों में से एक है। इस पर किए गए एक शोध के मुताबिक, प्रतिदिन लहसुन के सेवन से हृदय रोग होने की संभावना कम होती हैं। यह कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और प्लाक को धमनियों तक पहुंचने से रोकता है। इसकी मदद से रक्त प्रवाह में सुधार आता है। इसलिए प्रतिदिन 1 चम्मच लहसुन का रस गर्म पानी में डालकर सेवन करना सीने में उत्पन्न दर्द एवं ह्रदय रोगों में फायदेमंद हैं। इसके अलावा एक लहसुन की कली एवं 2 लौंग रोजाना चबाकर सेवन करना भी फायदेमंद होता है।
अदरक
अदरक का सेवन भी हृदय संबंधी बीमरियों में उपयोगी होता है। अदरक में जिंजरोल नामक कंपाउंड पाया जाता है जो कोलेस्ट्राल के स्तर को कम करता है। इसके अलावा अदरक में एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं जो रक्त वाहिकाओं को खराब होने से बचाते है। इसके लिए आप रोजाना अदरक की चाय सेवन करना फायदेमंद है।
बादाम
बादाम में पॉली नेचुरल फैटी एसिड एवं मैग्नीशियम प्रचूर मात्रा में पाई जाती है। जो सीने में दर्द होने के खतरे को कम करता है। इसके अलावा सीने में दर्द होने पर बादाम का तेल और गुलाब के तेल को समान मात्रा में मिला लें। अब इस मिश्रण को सीने पर हल्के हाथों से लगाएं।
हल्दी
हल्दी में करक्यूमिन (Curcumin) प्रचूर मात्रा में पाया जाता है। जो थक्का बनाने एवं धमनी प्लाक का कम करने में सहायक होता है। इसके अलावा करक्यूमिन सीने की सूजन को भी कम करता है। जिससे सीने में दर्द से राहत मिलती है। इसके लिए रोजाना हल्दी को गर्म दूध में मिलाकर पिएं। ऐसा करने से सीने के दर्द में आराम मिलता है।
तुलसी
तुलसी के पत्ते विटामिनके और मैग्नीशियम से भरपूर होते है। इसमें मौजूद मैग्नीशियम हृदय में कोलेस्ट्रॉल के निर्माण को रोकता है। साथ ही यह हृदय विकारों के अलावा सीने के दर्द में मददगार है। इसके लिए एक चम्मच तुलसी के रस को शहद के साथ या 8-10 तुलसी के पत्तियों को खाने से भी सीने के दर्द में आराम मिलता है।
एलोवेरा
एलोवेरा में कई ऐसे औषधीय गुण पाए जाते हैं। जो ह्रदय को स्वस्थ्य रखने, कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने एवं रक्तचाप को कम करने में मदद करते हैं। यह सभी कारक सीने के दर्द से राहत पहुंचाने का काम करते हैं। इसके लिए प्रतिदिन १/४ कप एलोवेरा जूस गर्म पानी के साथ सेवन करें।