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क्यों होता है पीलिया? जानें इसके लक्षण और घरेलू उपाय

क्यों होता है पीलिया? जानें इसके लक्षण और घरेलू उपाय

2022-05-25 17:53:00

क्यों होता है पीलिया – पीलिया एक सामान्य-सा दिखने वाला गंभीर रोग हैं। पीलिया होने पर लीवर कमजोर होकर काम करना बंद कर देता है। इसलिए समय पर पीलिया का इलाज न कराने से लीवर को स्थायी क्षति भी पहुंच सकती है। इसलिए पीलिया की प्रारंभिक जांच एवं उपचार बहुत आवश्यक हैं। नवजात शिशु से लेकर वृद्धावस्था तक किसी को भी पीलिया हो सकता है। लेकिन नवजात शिशुओं को इसका खतरा अधिक होता है। पीलिया को अंग्रेजी में जॉन्डिस (Jaundice) कहा जाता है।

 

क्यों होता है पीलिया?

शरीर में बिलीरुबिन (लाल रक्त कोशिकाओं के टूटने पर बनने वाला भूरे-पीले रंग का द्रव) का स्तर बढ़ जाने के कारण आंखों का सफेद भाग, त्वचा और नाखून पीले पड़ जाते हैं। इस समस्या को ही पीलिया कहते हैं। दरअसल शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं एक तय अंतराल अर्थात 120 दिनों में टूटने लगती हैं। जिससे बिलिरुबिन (Bilirubin)  नामक बाई-प्रॉडक्ट बनता है। ये पदार्थ पहले लीवर में पहुंचता है और फिर मल और मूत्र के साथ शरीर से बाहर निकल जाता है। किसी वजह से लाल रक्त कोशिकाएं 120 दिनों से पहले टूटने लगती हैं तो लीवर में बिलिरुबिन की मात्रा बढ़ने लगती है। इससे लीवर पर बुरा प्रभाव पड़ता है और लीवर के काम करने की क्षमता कमजोर पड़ जाती हैं। धीरे-धीरे बिलीरुबिन पूरे शरीर में फैल जाता हैं, जो पीलिया रोग का कारण बनता है।

 

पीलिया होने के कारण

बिलीरुबिन का स्तर बढ़ने के अलावा निम्नलिखित कारणों से भी पीलिया हो सकता है-

 
  • हेपेटाइटिस वायरस का संक्रमण।
  • थैलीसीमिया (शरीर में खून बनने की रफ्तार का धीमा होना) से ग्रस्त होने पर।
  • पैंक्रियाटिक कैंसर।
  • लीवर में घाव होना।
  • बाइल डक्ट (पित्त वाहिका) का बंद होना।
  • अधिक शराब का सेवन करना।
  • ज्यादा मसालेदार भोजन करना।
  • खुले में मिलने वाले दूषित खाद्य पदार्थों का सेवन करना।
  • मलेरिया रोग से पीड़ित होना।
  • नमक का अधिक सेवन करना।

पीलिया के लक्षण;

 

पीलिया होने पर निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं-

 
  • त्वचा, नाखून और आंख के सफेद हिस्से का तेजी से पीला होना।
  • पीला और गाढ़ा यूरिन आना।
  • लगातार थकान महसूस करना।
  • लंबे समय तक बुखार रहना।
  • हाथों में खुजली होना।
  • वजन का घटना।
  • इसमें लीवर की बीमारियों जैसे भूख न लगना, पेट दर्द, मितली आदि लक्षण भी दिखाई देते हैं।

पीलिया का इलाज करने के घरेलू उपाय;

 

गन्ने के रस से पीलिया का इलाज–

 

पीलिया के उपचार में गन्ने का रस बेहद कारगर होता हैं। यह शरीर में प्रोटीन और अन्य पोषक तत्वों की कमी को पूरा करता है। जिससे रोगी को पीलिया से जल्दी उबरने में सहायता मिलती है। सत्तू के साथ गन्ने के रस का सेवन करने से सप्ताह भर में ही पीलिया ठीक हो जाता है। दिन में तीन से चार बार सिर्फ गन्ने का रस पीने से भी पीलिया में लाभ होता हैं।

 

पपीता से पीलिया का इलाज–

 

पके हुए पपीते में पाए जाने वाले बीटा कैरोटीन (organic compounds) शरीर में विटामिन ‘ए’ बनाते हैं। साथ ही इसमें विटामिन ‘सी’, फॉस्फोरस, कैल्शियम, कार्बोहाईड्रेट, आयरन, प्रोटीन, साइट्रिक एसिड  व टारटरिक जैसे कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं। इसलिए पका हुआ पपीता खाने से भी पीलिया के लक्षणों में कमी आती है। इसके अलावा कच्चे पपीते की बिना मसाले वाली सब्जी का सेवन करना भी पीलिया में लाभदायक साबित होता है।

 

दही के सेवन से पीलिया का इलाज–

 

दही का सेवन करने से पीलिया में बैक्टीरिया के संक्रमण की रोकथाम होती है। दही पीलिया के लक्षणों को कम करने में लाभकारी है। पीलिया रोगी अपने आहार में दही को शामिल कर सकते हैं।

 

हल्दी से पीलिया का इलाज–

 

हल्दी के सेवन से शरीर में मौजूद सभी विषाक्त पदार्थ नष्ट हो जाते हैं। इसी कारण हल्दी पीलिया के उपचार में बहुत अच्छी मानी जाती हैं। पीलिया से पीड़ित होने पर आधे गिलास पानी में एक चम्मच हल्दी को मिलाकर दिन में तीन बार पिएं। ऐसा करना बिलीरुबिन को शरीर से बाहर कर, पीलिया को ठीक करता है।

 

छाछ–मट्ठा से पीलिया का इलाज–

 

छाछ में प्रोटीन, न्यूनतम लिपिड (फैट), विटामिन और कार्बोहाइड्रेट आदि आवश्यक एंजाइम होते हैं, जो पीलिया को जल्दी ठीक करने में लाभदायक होते हैं। पीलिया होने पर रोज सुबह-शाम 1-1 गिलास मट्ठा या छाछ में सेंधा नमक मिलाकर पिएं।

 

कब जाएं डॉक्टर के पास?

 

शरीर में निम्नलिखित लक्षण दिखाई देने पर शीध्र ही डॉक्टर के पास जाएं।

 
  • यूरिन के पीला होने पर।
  • आंखों और त्वचा में पीलापन आने पर।
  • जल्दी थकावट महसूस होने पर।
  • वजन घटने पर।
  • भूख न लगने पर।
  • पेट में तेज दर्द होने पर।
  • बुखार आने पर।

Disclaimer

The informative content furnished in the blog section is not intended and should never be considered a substitution for medical advice, diagnosis, or treatment of any health concern. This blog does not guarantee that the remedies listed will treat the medical condition or act as an alternative to professional health care advice. We do not recommend using the remedies listed in these blogs as second opinions or specific treatments. If a person has any concerns related to their health, they should consult with their health care provider or seek other professional medical treatment immediately. Do not disregard professional medical advice or delay in seeking it based on the content of this blog.


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