आखिर क्यों गेहूं को अनाज का राजा कहा जाता है?
2023-02-16 15:21:16
गेहूं अन्य अनाजों की तुलना में विभिन्न प्रकार की मिट्टी और जलवायु में उगाई जाती हैं। गेहूं का आटा पूरे विश्व में खाया जाने वाला अनाज हैं। यह भारतीय रसोईघरों में रोटी बनाने और मुख्य भोजन के रूप में उपयोग किया जाता है। इसके अलावा गेहूं का उपयोग लगभग हर खाने की वस्तुओं जैसे पास्ता, सूजी, पेस्ट्री, मफिन, ब्रेड, बिस्किट्स और नूडल्स बनाने में किया जाता है। इस प्रकार गेहूं लगभग हर भोजन का एक अनिवार्य हिस्सा है। शायद इसलिए इसे अनाज के राजा के रूप में जाना जाता है।
गेहूं कई पौष्टिक तत्वों से समृद्ध हैं, जो शरीर केस्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। इसमें मुख्य रूप से प्रोटीन, विटामिन ई, विटामिन बी, खनिज लवण, तांबा, कैल्शियम, आयोडाइड, मैग्नीशियम, जस्ता, पोटैशियम, मैंगनीज, सल्फर, सिलिकॉन, क्लोरीन और आर्सेनिक पाए जाते हैं। यह सभी तत्व किसी भी आहार के लिए एक महत्वपूर्ण आधार होते हैं। इसका वैज्ञानिक नाम ट्रिटिकम एस्टिवम वल्गारे (Triticum aestivum vulgare) है।
आयुर्वेद में गेहूं का महत्व
आयुर्वेद में गेहूं का उपयोग एक महत्वपूर्ण भोजन के रूप में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। इसके पौष्टिक गुणों के कारण इसे असंतुलित वात और पित्त वाले लोगों को सेवन करने की सलाह दी जाती है। यह चावल की अपेक्षा अधिक प्रोटीन प्रदान करता है और ठंडी जलवायु या मौसम के लिए बेहतर अनुकूल होते हैं। हालांकि जिन लोगों में कफ की अधिकता होती है। खासतौर पर उन्हें गेहूं के सेवन से बचना चाहिए, जो मोटापे और धीमी पाचन का कारण बन सकता हैं।
गेहूं के फायदे
- चयापचय में सुधार के लिएगेहूं का अधिक सेवन रक्तप्रवाह में ट्राइग्लिसराइड्स, या वसा को कम करता है। इसके अलावा, गेहूं इंसुलिन संवेदनशीलता और वसा चयापचय के लिए लाभप्रद होता है।
- समोटापा नियंत्रित करने में सहायकचूंकि गेहूं में फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है। इसलिए वजन कम करने के लिए अंकुरित गेहूं का उपयोग करना एक अच्छा उपाय है।
- पमधुमेह के लिए फायदेमंदपगेहूं के सेवन से इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार होता है। इसके अलावा साबुत गेहूं में फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो भोजन के बाद या पोस्ट्प्रैन्डीअल (postprandial) ब्लड ग्लूकोज़ की प्रतिक्रिया को कम करने में कारगर साबित होती है। इस प्रकार यह स्वस्थ्य रक्त शर्करा नियंत्रण को बढ़ावा देता है। इसलिए मधुमेह में गेहूं उपयोगी है।
- पहृदय स्वास्थ्य के लिएगेहूं और उच्च फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक होता है। जिससे बार-बार होने वाले दिल के दौरे की संभावना कम हो जाती है। इस प्रकार गेहूं हृदय स्वास्थ्य के लिए उपयोगी होता है।
- ब्रेस्ट कैंसर से बचाता हैउच्च फाइबर युक्त आहार महिलाओं में स्तन कैंसर के खतरे को कम करने के लिए जाना जाता है। दरअसल साबुत अनाज बड़ी मात्रा में फाइबर प्रदान करते हैं। इसलिए ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कम करने के लिए रोजाना 30 ग्राम गेहूं का सेवन करना बेहद लाभकारी होता है।
- पाचन क्रिया में लाभदायकसाबुत अनाज अर्थात गेहूं मल को नरम करने और सुचारु रूप से पास करने में मदद करता है। यह आंत नियमितता में सुधार करता है और कब्ज को कम करता है। इस प्रकार यह बेहतर पाचन के लिए उपयोगी होता है।
- पित्त पथरी को कम करता हैअधिक पित्त, अम्ल पित्त और पथरी का मुख्य कारण है। चूंकि गेहूं में पित्त संतुलन गुण पाया जाता है। इसलिए गेहूं का सेवन पित्त पथरी के गठन को कम करने में मदद करता है।
- सूजन को कम करने में कारगरगेहूं में बायोएक्टिव यौगिक मौजूद हैं। दरअसल यह यौगिक पुरानी सूजन को कम करने के लिए जाना जाता है। इसके अलावा गेहूं बीटानिन से भरपूर है, जो ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन को कम करने का काम करता है।
गेहूं के उपयोग
- गेहूं का उपयोग विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों को बनाने में किया जाता है। जिसका दैनिक जीवन में साबुत अनाज, आटे और ब्रेड के रूप में सेवन किया जाता है।
- इसका उपयोग स्वादिष्ट सैंडविच बनाने के लिए कर सकते हैं।
- इसे अपने नाश्ते में स्प्राउट,ओट्स या कॉर्न फ्लेक्स के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
गेहूं के दुष्प्रभाव
जिन लोगों को एलर्जी की समस्या होती है। उन्हें गेहूं के उपयोग से बचना चाहिए। क्योंकि इससे प्रतिक्रिया खराब हो सकती है। इससे एक्जिमा, दानें और त्वचा पर चकत्ते हो सकते हैं।
इसकी खेती कहां की जाती है?
गेहूं का सबसे बड़ा उत्पादक देश चीन है, इसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत और रूस हैं। कजाकिस्तान और कनाडा भी सूची में आते हैं। आमतौर पर भारत में, यह पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में प्रमुख रूप से उत्पादित होता है।